एक दिन की सर्फिंग के बाद, हमारी युवा लोमड़ी ने समुद्र तट पर टहलने का फैसला किया। उसकी निर्दोष त्वचा पर चमकती हुई सूरज की सुनहरी किरणें, महासागरों की कोमल हवा उसे सहला रही थी, और नमकीन हवा उसके फेफड़ों को भर रही थी। लेकिन यह सिर्फ कोई साधारण चलना नहीं था, अरे नहीं। हमारी युवा प्रलोभिका के पास एक रहस्य था, एक इच्छा जो उसके अंदर जल रही थी, आज़ाद होने का इंतजार कर रही थी। जैसे ही लहरें उसके पीछे दुर्घटनाग्रस्त हुईं, वह अपने सबसे अंतरंग क्षेत्रों का पता लगाने लगी, उसकी कोमल त्वचा पर नाचती हुई उंगलियां, उसकी संवेदनशील सिलवटों को छेड़ती हुई। खुले में बाहर होने का रोमांच, पकड़े जाने का जोखिम केवल उसके जुनून को भड़का। वह अपने आनंद में लिप्त हो गई, उसकी कराहें हर चरमोत्कर्ष के साथ गूंजती हुई, क्रैकिंग तरंगों की आवाज से गूंजते हुए उसकी कराहें, उसका शरीर हर चरम सीमा के साथ सिकुड़ता हुआ। यह शुद्ध परमान का क्षण था, जोश के जंगली पक्ष में एक वसीयतना था।.