एक पुरानी एकल सत्र एक युवा व्यक्ति की आत्म-खोज की अंतरंग यात्रा को दर्शाता है, जिसमें एक किशोर लड़के के कच्चे और अनफ़िल्टर्ड सार को कैद किया गया है, जो अकेले और बेख़ौफ़ अपनी इच्छाओं की गहराई का पता लगाता है। ब्लू फिल्मों के दायरे में आते हुए देखें, उसकी मासूमियत एक बढ़ती जिज्ञासा और अधिक जानने की जलती इच्छा को जन्म देती है। उसके शरीर में उसकी उंगलियां नाचती हैं, स्पर्श की एक सिम्फनी जो उसे बेदम कर देती है। कैमरे हर पल, हर स्पर्श, हर हांफना, खुशी के हर पल को कैद करते हैं, जवानी की सुंदरता और आत्म-अन्वेषण की शक्ति का एक कालातीत वसीयतनामा बनाते हैं। यह एक एकल प्रदर्शन नहीं है, बल्कि आत्म-खोजी, दिल की यात्रा है। यह एक तिगुनी खोज थी, हर समय में एक तिगुना स्पर्श, हर इच्छा को छूने की हर इच्छा, हर इच्छाओं को छूने वाली इच्छा, हर खुशी और इच्छा को बांधने वाली इच्छा।.