एक सौतेला पिता अपनी नई सौतेली बेटी के लिए एक गुप्त इच्छा रखता है। उसकी मासूमियत के बावजूद, वह इस भावना को हिला नहीं सकता कि वह जैसी दिखती है वैसी नहीं है। जैसे ही छुट्टी आती है, वह खुद को उसके प्रति आकर्षित करता है, उसकी कल्पनाएँ गर्म वास्तविकता में तब्दील हो जाती हैं। क्रिसमस की सुबह, वह उसे एक सेक्सी अधोवस्त्र सेट उपहार देता है, उसकी आँखों में उत्साह की चिंगारी प्रज्वलित करता है। वह उसे अपने शयनकक्ष में ले जाता है, उसके इरादे स्पष्ट होते हैं। वह झिझकती है, उसकी मासूमियत उसके अचानक साहस से विपरीत। वह धीरे-धीरे अपने संपूर्ण शरीर को प्रकट करती है, उसकी नज़र कभी नहीं छोड़ती। वह उसे चढ़ते हुए देखती है, उसकी कसावट उसकी मासूमियत को उसके लिए एक वसीयतनामा लेती है। वह उसको कड़ी मेहनत करता है, उनके शरीर लय में आगे बढ़ते हुए, कमरे में उनकी कराहें भरते हुए। जैसे ही वे अपनी चरमोत्कर्ष तक पहुँचते हैं, वह अपनी कल्पना की वास्तविकता बन जाता है, अब उसकी प्रेमी बन गई है।.